चंडीगढ़ मेयर चुनाव: चंडीगढ़ मेयर चुनाव गड़बड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बड़ा बयान आया है। राहुल गांधी ने कहा कि इसके बाद केंद्र सरकार पर हमला बोला गया है. पवित्रशास्त्र है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सीताफले मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन की ओर से दिए गए पद के लिए उम्मीदवार पद से उम्मीदवार पद के लिए उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी 8 सीटों को भी मान्यता दे दी। साइंटिस्ट का कहना है कि चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर ने इन आठ मतदाताओं के वोटों को मंजूरी दे दी थी।
राहुल गांधी ने बोला केंद्र सरकार पर हमला
वहीं, चंडीगढ़ के मेयर चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने लोकतंत्र को निरंकुश भारतीय जनता पार्टी से जोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में ईसा मसीह सिर्फ एक मोहरा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानि मंगलवार को चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के नतीजों में पलटते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के हारे हुए उम्मीदवार व्लादिमीर कुमार को शहर का नया मेयर घोषित कर दिया। कोर्ट ने 30 जनवरी के चुनाव के ऑपरेशन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद, कदाचार के खिलाफ इलेक्ट्रोलेक्टर अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा दायर करने का भी आदेश दिया। ईसाई बीजेपी नेता हैं. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशम मीडिया एक्स पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को निरंकुश भाजपा के कब्जे से हटा दिया है। बिजनेस वैल्यूएशन का सहारा कंपनी है। चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में लोकतंत्र को कुचलने का एक छोटा सा हिस्सा, मोदी-शाह के लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास
इधर, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारतीय लोकतंत्र को बहुत मजबूती मिलेगी। पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से एक दिखावा थी, जो इस ऐतिहासिक निर्णय से अनुमोदित हो चुकी है। वेणुगोपाल ने कहा कि हम 4 महीने से लगातार वीवीपैट की पूरी गिनती के मुद्दे पर चर्चा के लिए मतदाता आयोग से समय मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें समय नहीं मिला है। हमें उम्मीद है कि इलेक्ट्रो कमीशन तेजी से कदम बढ़ाता है और ऐसे कदम रखता है जिससे डेमोक्रेटिक प्रक्रिया में लोगों का संतुलन बना रहे, न कि उन पर विश्वास हो। अंग्रेजी भाषा से साभार
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