झारखंड शराब घोटाला और मनी लांड्रिंग मामला: झारखंड स्पेशल कोर्ट ने किशोर तिवारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, आरोप पत्र जमानत

झारखंड शराब घोटाला और मनी लांड्रिंग मामला: झारखंड स्पेशल कोर्ट ने किशोर तिवारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, आरोप पत्र जमानत
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राँची4 घंटे पहले

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एडी स्पेशल कोर्ट ने जिंदा तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी

सरकारी शराब घोटाले और इससे जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गरीब मजदूरों की जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई। यह पढ़ाकू की विशेष अदालत में हुई। एचडी के स्पेशल जज पीके शर्मा ने अपना ऑर्डर पुस्तिका पर जमा राशि जमा की। उन्होंने सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
19 अक्टूबर को तिवारी गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड में स्थित शराब कंपनी में करीब 40 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 19 अक्टूबर को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। जेईएन तिवारी पर केवल मनी लॉन्ड्रिंग के बजाय कर्मचारियों के अधिकारियों की जासूसी करने का भी आरोप है। इसके बाद 20 अक्टूबर को उन्हें एलाय के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे पांडुलिपि पर भेजा गया था।
23 अगस्त को 33 लोगों की तस्वीरें छापी गईं
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के विभिन्न आभूषणों के शराब, बालू और जमीन आदि में गड़बड़ी के आरोपों में प्राथमिक के आधार पर ईसीटी के आधार पर जांच की। इसी तीसरे दर्जे के बाद एचडी ने 23 अगस्त 2023 को जोड़ा तिवारी को शराब के कारोबार से जुड़े कल 33 लोगों की तस्वीर पर छापा मारा था। इसी क्रम में पोर्टफोलियो निदेशालय ने राज्य के वित्त मंत्री के घर पर भी छापा मारा था। मंत्री के घर पर छापमारी के लिए उनके बेटे रोहित शर्मा ने शराब के कारोबार में पैसा निवेश किया और मंत्री के साथ ही रहने को आधार बनाया गया।
19 अनूठे शराब व्यवसाय पर जूलरी का एकाधिकार
डोजेन तिवारी का 19 मोटरसाइकिल में शराब के व्यापार पर एकाधिकार था। उसने अपनी कंपनी और दूसरी कंपनी के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाया था। इसके साथ ही एसोसिएट स्टेट के 19 एंटरप्राइजेज में शराब के व्यापार पर अपना अध्यापत्य स्थापित किया गया था। इन सभी बैंकों के लिए बैंक ड्राफ्ट एक ही जिले और बैंक की एक ही शाखा से बनाए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पूछताछ के दौरान इंजीनियर तिवारी एक जगह से बैंक ड्राफ्ट बनाने के क्रम का कोई संतोष पत्र उत्तर नहीं दे सका था। साथ ही ड्राफ्ट बनाने के लिए दिए गए फॉर्मों के वैध स्रोत की जानकारी का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सका। शराबबंदी की जांच के दौरान एचडी से पहले चौधरी तिवारी और उनके भाई अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ की गई। एडी ने शराब के कारोबार से जुड़े 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की और मिले साक्ष के आधार पर डीलर तिवारी को गिरफ्तार किया था।

डी.एच.डी. ने निष्कासन आरोप पत्र दाखिल किया

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