नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

Swearing-in ceremony of new Union govt
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नरेंद्र मोदी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता और जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं। बहुत कम ही लोगों ने सोचा होगा कि भाजपा का कोई नेता यह उपलब्धि हासिल कर सकेगा।

भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही

मोदी को तीसरे कार्यकाल में जनादेश पूर्व के दो कार्यकालों की तरह नहीं मिला है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही। चुनाव से पहले पूर्व भाजपा ने चार सौ पार का नारा दिया था लेकिन वह अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ तीन सौ के आंकड़ों को भी पार नहीं कर सकी। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन ने बेहतर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सहित कई हिंदी पट्टी के क्षेत्रों में भाजपा के रथ को रोकने में सफलता हासिल की। यही कारण रहा कि कई बार विपक्षी दलों ने चुनाव नतीजों को मोदी की ‘नैतिक हार’ करार दिया। कांग्रेस को इस चुनाव में 99 सीटों पर सफलता मिली। यह भाजपा की विशाल राजनीतिक उपस्थिति का ही परिणाम है कि लगातार तीसरे लोकसभा चुनाव में उन्होंने 240 वोट हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी का तमगा हासिल किया। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 293 लोगों की जान ले ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे किसी भी चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी सफलता का वादा किया है।

मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

चुनाव से मिली बातों के बावजूद, आने वाले सालों में भारतीय राजनीति में 73 वर्षीय मोदी दबाव में ही घूमने वाली है। हालांकि, इस दौरान उन्हें गठबंधन की राजनीति के विभिन्न पहलुओं का सामना करना पड़ेगा। गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद राज्य में हुए राक्षसों के साये में 2002 में गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा का नेतृत्व करने के बाद से मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

8 साल की उम्र में राहुल से जुड़े थे पीएम मोदी

नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर के एक गुजराती परिवार में हुआ। वे अति पिंटा वर्ग परिवार से आते हैं, जो समाज के हाशिए पर पड़ेरस से है। मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने के लिए अपने पिता की मदद की और बाद में खुद का स्टॉल चलाया। 8 साल की उम्र में वे रावण से जुड़े. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपना घर छोड़ दिया। दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और अनेकों धार्मिक केन्द्रों का दौरा किया गया। 1970 के करीब वो गुजरात के बाद अहमदाबाद चले गए। 1971 में मोदी आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए अज्ञातवास में रहना पड़ा। वे 1985 में भाजपा से जुड़े. मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की।

2001 में बने थे गुजरात के मुख्यमंत्री

मोदी पहली बार 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद लगातार 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज की और 282 सीटों पर कब्जा जमाया। यह पहला मौका था, जब भाजपा को केंद्र में बहुमत मिला था और उसके दम पर सरकार बनी थी। इसके बाद उनके नेतृत्व में भाजपा ने दोबारा कांग्रेस का चुनाव लड़ा और 2014 की तुलना में अधिक हारे। 2019 में मोदी को कुल 303 सीटें मिलीं। जबकि भारत को 352 साइड मिली.

नरेंद्र मोदी फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं

नरेंद्र मोदी को फैसले लेने वालों में जाना जाता है। अपने प्रधानमंत्री के 10 साल के कार्यकाल में नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे फैसले लिए, जिन्होंने देश की दशा और दिशा बदल दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का दम दिखाया। इसके अलावा तीन तलाक हटाना, सीएए लागू करना। राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाना। कोरोना काल में टीकाकरण से लेकर गरीबों को मुफ्त अनाज देने का काम किया गया। साथ ही मोदी सरकार में रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम किया गया।

परंतु 1947 में स्वतंत्रता के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री रहे

1947 में स्वतंत्रता के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री रहे हैं। उनकी मृत्यु 27 मई 1964 को हुई थी और वह उस समय भी देश के प्रधानमंत्री थे। वर्ष 1952 में हुए पहले आम चुनाव में जीत के बाद वह पहली बार प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार थीं। इसके बाद 1957 और 1962 के आम चुनावों में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की और फिर देश के प्रधानमंत्री बने। उनकी मृत्यु के बाद गुलजारी लाल नंदा भारत के कार्यकारी प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद एक बार फिर कार्यकारी प्रधानमंत्री के रूप में सेवाएं दीं। इंदिरा गांधी 24 जनवरी, 1966 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। वह मार्च 1977 से भारत की प्रधानमंत्री बनीं और 14 जनवरी 1980 को फिर से प्रधानमंत्री बनीं। देश में पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री होने का श्रेय मोरारजी देसाई को जाता है। वह 24 मार्च 1977 को भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने थे। मोरारजी देसाई अपना कार्यकाल पूरा किए बिना, बिना किसी प्रतिरोध के देने वाले भी पहले प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी सबसे कम उम्र के भारतीय प्रधानमंत्री थे। वह 40 साल की उम्र में ही प्रधानमंत्री बन गए थे। पीवी नरसिंह राव दक्षिण भारत से आने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। जनता दल के नेता एचडी देवेगौड़ा भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जोराज्य के सदस्य थे। डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। मोदी ने अपना वही स्थान लिया था।

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