महिलाओं का स्वास्थ्य: आपने क्या-क्या खाया, इसका पता भी नहीं चल पाता। आहार का अनुबन्ध पर शुरू हो जाता है, इसलिए सबसे पहले जंक फूड की जगह ताज़ा और घर के भोजन को तरजीह दें। रोज एक गिलास दूध-दही, अण्डा और ताजा तला-फलों को आहार में शामिल करें। बाहर के अनहेल्दी कपड़ों से महिलाओं को कई नुकसान हो सकते हैं
आहार में कैल्शियम बहुत जरूरी है
मछली, नट, सोयाबीन, सभी प्रकार की दालें और दूध और मांस से बने पदार्थ जैसे- दही और आदि पनीर में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। एक टैंकर दूध में औसत 300 सीमेंट कैल्शियम होता है। शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए फास्फोरस एवं विटामिन डी की भी आवश्यकता होती है। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों में फास्फोरस पाए जाते हैं, इसलिए अलग से इसकी आवश्यकता नहीं होती। लेकिन होटलों की सूची के लिए विटामिन-डी बहुत जरूरी है। इसकी शुरुआत रोजाना सुबह की धूप और कुछ आहारों से होती है। आमतौर पर 30 साल की उम्र तक हड्डियां पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं, लेकिन इसके बाद भी शरीर को कैल्शियम की जरूरत होती है।
नियमित व्यायाम से दूर रहने की बीमारी
महिलाओं को शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में सावधान रहना चाहिए और वसा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए। प्रतिदिन आधा घंटा व्यायाम अवश्य करें। वजन का बोझ उठाना के चक्कर में सुबह का नाश्ता नहीं। इससे आपका मेटाबोलिज्म ठीक रहता है। शारीरिक व्यायाम से लेकर युवाओं में पीठ दर्द और जोड़ों का दर्द देखा जाता है।
आयरन व विटामिन-सी भी जरूरी
भारतीय जिस प्रकार के खाद्य पदार्थ पकाते हैं, उनसे महिलाओं में आयरन की कमी का खतरा होता है। ज्यादातर आयरन खाना पकाते समय नष्ट हो जाते हैं, इसलिए आहार में जड़ी-बूटियाँ, टमाटर, चॉकंदर और पत्तेदार पत्ते को नियमित रूप से शामिल किया जाता है। शरीर में आयरन की खुराक के लिए विटामिन-सी भी जरूरी है। ऐसे में विटामिन-सी युक्त फल एवं घटक जैसे- संतरा, नीबू, टमाटर, पपीता आदि लें।
फॉलिक एसिड से शरीर को होते हैं कई फायदे
फोलिक एसिड, आयरन, विटामिन-डी, विटामिन बी-12, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व महिलाओं के लिए बहुत जरूरी हैं। फोलिक एसिड हृदय से जुड़ी समस्या एवं अल्जाइमर के जोखिम को कम करता है। जमावट के दौरान फोलिक एसिड की जरूरत बढ़ती है। यह जन्म के समय के इंस्टिट्यूट में होने वाला न्यूरल टूल्स से संबंधित आवेदकों से आरक्षण कराता है। दाल, मटर, ब्रोकली, हरी पत्तीदार फ़ालिक एसिड के अच्छे स्रोत हैं। गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड नियमित रूप से लेने से माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। फैक्ट्री से पता चलता है कि यदि महिला अपनी जरूरत के मुताबिक पहले से ही फ्लैट के दौरान फोलिक एसिड लगा रही है, तो लगभग 70 प्रतिशत न्यूरल ट्यूबल डिवाइसेक्ट्स से बचा जा सकता है।
ओमेगा-3 रिच फूड आहार में शामिल
रिसर्च में ये भी बताया गया है कि ओमेगा-3 एंटरटेनमेंट के टाइम होने वाले पेलविक पेन को कम करता है। यह भविष्य में कैंसर की आपदा को भी कम करता है। ओमेगा-3 पॉलिसोपैथिक सिंड्रोम के खतरे को भी कम करता है। यह बच्चों के दिमागी विकास के लिए भी काफी माना जाता है।
वजन को नियंत्रित करने पर भी दें ध्यान
वजन नियंत्रण रखना भी जरूरी है. इसके लिए नियमित आहार एवं व्यायाम बहुत जरूरी है। ऑफिस में हर 30 मिनट पर नियमित ब्रेक लेना ध्यान देना चाहिए। कैफीन का सेवन कम करें. महिलाएं थायर नाइट्रेट की सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। थॉयराइड के 10 डायरी में से 8 महिलाएं होती हैं। महिलाओं का वजन बढ़ना एक बड़ी वजह भी है। आहार में आयोडीन युक्त नमक का उपयोग थायर ऑक्साइड से बचाया जा सकता है।
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(आहार विशेषज्ञ रूपाली कुमारी से बातचीत पर आधारित)