रिम्स शशि परिषद की बैठक: मेडिकल-स्वास्थ्य को हटाने की तैयारी, खुद का केंद्रीकृत उन्नत लैब बनाएगा रिम्स – रांची समाचार

रिम्स शशि परिषद की बैठक: मेडिकल-स्वास्थ्य को हटाने की तैयारी, खुद का केंद्रीकृत उन्नत लैब बनाएगा रिम्स - रांची समाचार
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रिम्स प्रबंधन ने स्त्री हित में व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में शुरुआत कर दी है। इसी कड़ी में प्रबंधन अब सालों से रिम्स में जमी रेडियोलॉजी और लैपटॉप सेंटरों को हटाने की तैयारी में है। प्रबंधन ने जीबी की बैठक में निर्णय लेने के लिए मेसर्स मेडल ला का आयोजन किया

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मेडिकल लैब और स्वास्थ्य आश्रम द्वारा समर्पित एकरारनामा को निगरानी के स्तर से जांच करवाते हुए राज्य सरकार से इसकी सेवा समाप्त कर रिम्स से हटाने के लिए सहायता की जाएगी। इस निर्णय के बाद प्रबंधन ने दोनों कंपनियों को रिम्स का लाभ देना बंद कर दिया है। स्वास्थ्य भवनों में करीब 3 साल से अलाव मुफ्त बंद है, जबकि इधर कुछ महीनों से मेडिकल जांच घर में भी अलाव मुफ्त करना बंद कर दिया गया है। बताते हैं कि वर्तमान में रिम्स में ओपीडी व भर्ती मरीजों को ब्लड-यूरिन सहित अन्य तरह की जांच के लिए रिम्स के सेंट्रल लैब को दुरुस्त किया गया है। इसके बावजूद रिम्स की लैब में सर्वाधिक संख्या में पदक प्राप्त करना संभव हो पाया है। यही कारण है कि रिम्स अपना उन्नत लैब विकास करने में असमर्थ है।

मेडिकल और स्वास्थ्य अस्पतालों को हटाने की तैयारी क्यों है

सभी कंपनियां पीपीपी मोड में रिम्स में सेवा दे रही हैं। जबकि इन कम्पनियों का करार रिम्स से नहीं, बल्कि सरकार के साथ हुआ था। इन सेंटरों के रहने वाले रिम्स अपना पुराना सेंटर ठीक से नहीं चला पा रहा है। साथ ही, उपलब्धि दिलाने में कामयाब की जेब भी मुश्किल हो रही है। पदक में जांच 200 से 500 रुपये तक होती है, रिम्स के लैब में उनमें से अधिकांश जांच मुफ्त में या 20 से 40 रुपये में संभव है। दोनों सेंटरों से मिलने वाली सेवाओं को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।

नई व्यवस्था जल्द ही, डायग्नोस्टिक हब में एक ही स्थान पर सभी जांच होगी

रिम्स में जल्द ही विभिन्न तरह की चिकित्सकीय, बायोकैमिकल, रेडियोलॉजिकल एवं अन्य जांच के लिए इधर-उधर भटकने से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल क्षेत्र में केंद्रीकृत चिकित्सकीय हब का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए स्थान चिह्नित कर ली गई है। रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने कहा कि मेडल और स्वास्थ्य आश्रम केला से पहले ही रिम्स में यह नई व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। इससे लाभ की सुविधा होगी।

मेडिकल लैब पर 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, चल रही विभागीय जांच

रिम्स में मेडिकल लैब व स्वास्थ्य आश्रम की प्रारंभिक अवस्था में सरकारी स्तर से संबंधित एजेंसी के साथ मुयू के आधार पर की गई थी। मेडल लैब द्वारा 200 करोड़ रुपये का गबन का भी आरोप है। स्वास्थ्य विभाग के पत्रांक 802 दिनांक 2 अप्रैल 2024 के द्वारा विभागीय स्तर पर जांच समिति का गठन कर जांच प्रक्रियाधीन है।

रिम्स में व्यवस्था करना दुरुस्त है, इसलिए किया जा रहा है काम

“जीबी की बैठक में ही निर्णय हुआ था कि दोनों मामलों को हटा दिया जाना है। साथ ही रिम्स को जांच से संबंधित स्वयं की व्यवस्था दुरुस्त करनी है। मॉड्यूल को लेकर कुछ विभागीय जांच भी चल रही है। दोनों मामलों का एकरारनामा सरकार के साथ हुआ था, इसलिए सरकार को अनुशंसा मिलेगी।”
– डॉ. हीरेन बिरूआ, चिकित्सा अधीक्षक, रिम्स

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