“संदेह पैदा करना कुछ लोगों का काम है”: मतदान प्रतिशत डेटा विवाद पर चुनाव आयोग प्रमुख

"संदेह पैदा करना कुछ लोगों का काम है": मतदान प्रतिशत डेटा विवाद पर चुनाव आयोग प्रमुख
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चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मतदान आंकड़ों के प्रारूप का विस्तार करने का निर्णय लिया है।

नई दिल्ली:

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि संदेह पैदा करना कुछ लोगों का काम है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में मौजूद प्रणालियां इतनी मजबूत हैं कि कोई गलती न हो, यह सुनिश्चित किया जा सके।

वह मौजूदा लोकसभा चुनावों में मतदाताओं के मतदान प्रतिशत पर व्यक्त किये जा रहे संदेहों से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने पीटीआई वीडियोज से कहा, “संदेह पैदा करना कुछ लोगों का काम है। हमारी प्रणाली मजबूत है, आज से नहीं, यह पिछले 70-72 वर्षों से है।”

उनकी टिप्पणी ऐसे दिन आई है जब चुनाव आयोग ने चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए मतों की संख्या के बारे में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रवार आंकड़े जारी किए हैं।

मतदान के ये आंकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन की उस याचिका पर चुनाव आयोग को निर्देश देने से इनकार कर दिया था जिसमें मतदान केन्द्रवार मतदाता मतदान के आंकड़े वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग की गई थी।

चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मतदान आंकड़ों के प्रारूप का विस्तार करने का निर्णय लिया है ताकि इसमें प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या शामिल की जा सके।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में था और उसने अपना फैसला सुना दिया है, जो सबके सामने है।

श्री कुमार ने कहा, “मैं केवल इतना कह सकता हूं कि इसमें कोई गलती नहीं है और न ही कोई गलती हो सकती है।”

उन्होंने कहा, “लेकिन ये संदेह क्यों पैदा हुए, कैसे पैदा किए गए और इसका हमारे मतदान और माहौल पर कितना नकारात्मक प्रभाव पड़ा, कैसे हमारी पूरी ऊर्जा बर्बाद हो गई, ये हम एक दिन देश को बताएंगे।”

चुनाव आयोग जहां मतदान प्रतिशत जारी कर रहा था, वहीं हर चरण में मतदाताओं की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की मांग भी उठ रही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को फॉर्म 17सी अपलोड करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। फॉर्म 17सी में प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए मतों का विवरण होता है।

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)

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