केस स्टडी
रांची के रहने वाले अरविंद अपने दांतों का मूल्यांकन कर रहे थे। दुर्घटना के दौरान ही डॉक्टर ने जल्द ही प्रभावशाली के लिए एक पावरफुल एंटीबायोटिक प्रिसिस की किताब लिखी। अरविंद ने तीन दिन की ही दवा के सेवन से अचानक उनका पेट खराब हो गया। उन्होंने तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने तत्काल दवा बदल दी। उस समय उनका पेट ठीक हो गया, एक सप्ताह के अंदर उनका पेट फिर से खराब हो गया। इस बार परेशानी पहले से ज्यादा हो गई थी. हालाँकि, दूसरी दवा से यह परेशानी ठीक तो हुई, लेकिन करीब दो महीने तक रह-रह कर पेट खराब होने की समस्या बनी रही।
डॉ. कमलेश प्रसाद आयुर्वेद विशेषज्ञ, रांची
एंटीबायोटिक के कारण पेट खराब होने की समस्या को एंटीबायोटिक डायरिया कहा जाता है। कई बार एंटीबायोटिक के सेवन के कारण पेट के महान डॉक्टर भी ख़त्म हो जाते हैं। इससे पेट में अच्छे और बुरे आदमी के बीच का अंतर पता चलता है। इसके कारण पेट में संक्रमण और डायरिया की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह समस्या एंटीबायोटिक के सेवन के दौरान भी हो सकती है और कई बार कोर्स पूरा होने के बाद होती है।
क्या हैं लक्षण : बार-बार शौच जाना, पानी की तरह शौच जाना, पेशाब कम होना, मधुमेह, कमजोरी आदि।
आयुर्वेद में क्या है उपचार : इसके उपचार के लिए आयुर्वेद में कई औषधियां आती हैं। गंधक वटी या लशुनादि वटी के सेवन से लाभ होता है। इस दौरान दही का सेवन करना चाहिए.
बातचीत :अजय कुमार