दिल्ली- ब्रह्माण्ड की हवा? सरकार ने GRAP-IV से प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया

दिल्ली- ब्रह्माण्ड की हवा?  सरकार ने GRAP-IV से प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया
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नई दिल्ली : दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (फ्लोरिडा) में वायु गुणवत्ता में सुधार आने के साथ ही केंद्र सरकार ने त्रिस्तरीय प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार के इस आदेश में दिल्ली से कहा गया है- सुप्रीम कोर्ट में सार्वजनिक कर्मचारियों का निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही ट्रकों और कमर्शियल चार व्हील असेंबली के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी। केंद्र सरकार की ‘जीरापी’ के अंतिम चरण के तहत यानी चौथे चरण में ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।

वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट के संकेत नहीं

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली- कंपनी से सभी आपातकालीन उपायों को रद्द करने के आदेश के अनुसार, जो केवल सी एनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस -6 से संबंधित समुदायों के दिल्ली में प्रवेश की जानकारी दी है। सीएसयूएम के नए आदेश के अनुसार, जीप के चौथे चरण में केवल दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी गई थी, जबकि इसके अलावा सभी मध्यम और ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सीएक्यूएम ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग एवं भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के वायुमण्डलीय सिद्धांत से दिल्ली-मौसम में आने वाले दिनों में समग्र वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट का संकेत नहीं है।

दिल्ली की हवा में कुछ सुधार

इधर, खबर यह भी है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रात के समय हवा की गति बढ़ी है और हवा की दिशा में बदलाव के कारण सुधार हुआ है, लेकिन यह अब भी “बहुत खराब” श्रेणी में है। दिल्ली का एयरोस्पेस मशीनरी (एक्यूआइ) सुबह नौ बजे 339 बजे था, जो शुक्रवार शाम चार बजे 405 बजे था। प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज होने वाला 24 घंटे का औसत एक्यूआई गुरुवार को 419 था। रविवार को यह 401, मंगलवार को 397, सोमवार को 358, रविवार को 218, शनिवार को 220 और शुक्रवार को 279 था।

बम और पराली से हवा में धुआं साजि़याई धुआं

पिछले सप्ताह के अंत में बेहतर वायु गुणवत्ता की वर्षा हुई। रात के समय उत्पादन और पड़ोसी राज्य में फिर से प्रदूषण बढ़ने के कारण वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। इसके साथ ही, वायु प्रदूषण में रेज़ॉल्यूशन के लिए ऑक्सिजन एसोसिएटेड रियोलॉजी को जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसमें मुख्य रूप से शांत हवा और कम तापमान शामिल थे।

इन शहरों में संस्थानों की हवा बहुत खराब है

गुड़गांव (274), ग्रेटर (258), ग्रेटर (285) और दिल्ली (328) में भी वायु गुणवत्ता “गंभीर” दर्ज की गई। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को “अच्छा”, 51 और 100 के बीच “संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच “मध्यम”, 201 और 300 के बीच “खराब”, 301 और 400 के बीच “बहुत खराब”, 401 और 450 के बीच को “गंभीर” और 450 के ऊपर को ”अति गंभीर” माना जाता है।

हवा में एस्ट्रोजन और नाइट्रेट की मात्रा कम होती है

दिल्ली सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ओआईटीआई) कानपुर के एक संयुक्त परियोजना के निष्कर्षों से पता चला है कि शुक्रवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में सोसायटी का लगभग 45 प्रतिशत योगदान था। शनिवार को इसमें 38 फीसदी रहने की संभावना है. खराब हवा में दूसरे प्रमुख योगदान के रूप में इलेक्ट्रानिक्स प्लांट्स, रिफाइनरी और सोसायटी जैसे ‍बिजली संयंत्रों, रिफाइनरी और सोसायटी जैसे ‍समुदाय से दिल्ली वाले ‍प्रदूषक ‍संस्थाएं और गैसों की एकता क्रिया के कारण ‍मैडम में बनाए गए हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली के वायु प्रदूषण में इनका योगदान 19 से 36 प्रतिशत है।

21 नवंबर से हवा की गति तेज हो सकती है

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा कि 21 नवंबर से हवा की गति में सुधार से वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आ सकती है। निर्माण कार्य और राष्ट्रीय राजधानी में डीजल, डीजल और डीजल वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक सहित दिल्ली सरकार द्वारा कड़ा रुख अपनाने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है।

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