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पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई की सुबह तेज रफ्तार पोर्शे कार ने दो 24 वर्षीय आईटी पेशेवरों की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। (फोटो: पीटीआई/फाइल)
मुश्रीफ और विधायक दोनों महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गुट से हैं।
पुणे पोर्श मामले में कथित राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप अब ससून अस्पताल के डीन के नवीनतम दावों से और पुख्ता हो गए हैं, जिन्होंने दावा किया है कि दुर्घटना में शामिल किशोर के रक्त के नमूने बदलने के आरोपी डॉक्टरों में से एक को राज्य के एक मंत्री और एक विधायक के आग्रह पर फोरेंसिक विभाग का प्रमुख बनाया गया था।
महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ और अजित पवार गुट के विधायक सुनील टिंगरे का नाम लेते हुए अस्पताल के डीन विनायक काले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दोनों राजनीतिक नेताओं ने ससून अस्पताल को पत्र लिखकर डॉ. अजय तावड़े को फोरेंसिक मेडिसिन विभाग का प्रमुख बनाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि मुश्रीफ और विधायक दोनों ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गुट से हैं।
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