द3 घंटे पहले
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दीपोत्सव को लेकर हर तरफ उत्साह है। घर, द्वारपाल साकर तैयार है। रंग बिरंगे झालर से घर आंगन रोशन हो रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं अपने स्तर पर तैयारी में शामिल हैं। इन सभी में खास घर की बेटियाँ होती हैं। उनकी खिलखिलाहट से घर-आँगन खुशियाँ भर जाती हैं। घर की सुख-समृद्धि की कामना लेकर बेटियां घरौंदा भरती हैं। धनलक्ष्मी के आगमन को लेकर मुख्यद्वार पर रंगोली बनाई गई हैं। वहीं बच्चों के रेखांकन से उत्साह का माहौल तैयार होता है। तो महिलाओं को घर-आंगन में दीप जला शुभदीपावली का संदेश मिलता है। दैनिक भास्कर उन चार नी को सेंटर प्वाइंट में बताता है कि दीपावली क्यों ये हमारे लिए खास हैं…
दीपावली आने से 10-15 दिन पहले ही बच्चे के जन्मदिन से घर