राजस्थान विधानसभा चुनाव: 80 फीसदी मंत्री फिर संकट में, किसी की टक्कर में तो कोई बागियों में फंसा

राजस्थान विधानसभा चुनाव: 80 फीसदी मंत्री फिर संकट में, किसी की टक्कर में तो कोई बागियों में फंसा
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जयपुर, बिहार आर्य : राजस्थान में चुनावी सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 80 प्रतिशत किलेबंदी की धूम मची हुई है। किसी कांटे की टक्कर में उलझा हुआ है, तो किसी बागियों के बचे हुए सामान में है। पिछला चुनाव देखें तो सरकार रिपीट नहीं हो सकती, जहां ज्यादातर मंत्री अपनी सीट पर भी नहीं बचे। पिछले रिकॉर्ड के कारण भी इस चुनाव में उतरें दैनिक चिंताएं हैं। कांग्रेस ने यूके सरकार के 26 मंत्रियों को टिकटें दी हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय सहित 4 कंपनियों की स्थिति अन्य के साथ ठीक हो सकती है। 22 मंत्रियों को शामिल करने के लिए आलोचना की जाएगी। वर्तमान कांग्रेस सरकार में सीएम समेत 30 मंत्री हैं। लेकिन दो विधायकों की चुनावी लड़ाई से ही मन कर दिया गया और एक की टिकटें कटने के कारण मैदान से दूर हो गए। वहीं लाल डायरी को कांग्रेस बनाने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने ही बर्खास्त कर दिया है। वे अब शिव सेना से प्रतियोगी हैं।

2018 में भाजपा के वसुन्धरा राजे सरकार के 22 मंत्री हारे

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सरकार थी। बीजेपी ने मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सहित 23 को वापस चुनावी मैदान में उतार दिया था और 6 का टिकट काट दिया था. इनमें से वसुन्धरा राजे सहित मात्रा 8 ही वापस विधानसभा में पहुंच सके।

2013 में कांग्रेस की अशोक सरकार के 5 मंत्री बाचा को सीट मिली

कांग्रेस ने उस समय अशोक ग्रेट ब्रिटेन के मातृमंडल में शामिल होकर 31 कोलोराडो को वापस चुनाव में उतार दिया था। इनमें से अशोक भाईचारा सहित केवल 5 लोग ही बचे थे।

2008 में बीजेपी की वसुन्धरा राजे सरकार के 12 मंत्री ही जीते

बीजेपी ने उस समय राजे की टीम से 25 मंत्रियों के टिकट वापस लिये थे. लेकिन 13 मंत्री नहीं जीते. इन चुनावों में वसुन्धरा राजे सहित 12 मंत्री जीते थे।

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