मधुमेह और हृदय अनुसंधान केंद्र, मधुमेह और हृदय रोग अनुसंधान समूह ने झारखंड में मधुमेह पर ताजा अपडेट को लेकर मीडिया से बात की। इस दौरान डॉ. एनके सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी वैज्ञानिक (डायबिटीज स्टडीज फॉर रिसर्च सोसाइटी) ने कई बातों का जिक्र किया। डॉ. सिंह ने बताया कि यूनिवर्स एस्ट्रोलेक एक नया आविष्कार है और यह अगले साल यानी 2024 के अंत तक उपलब्ध हो सकता है। इसे सप्ताह में एक बार दिया जा सकता है।
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डॉक्टर एनके सिंह ने कहा कि परीक्षण में पाया गया कि हरदीन एक बार में बेसल स्केल की तुलना में प्रभाव ही प्रभावी और सुरक्षित है। निश्चित रूप से जो मरीज़ अभी तक हर हफ्ते एक सप्ताह में एक बार फिर से टीकाकरण करवाते हैं, उनके लिए इंसुलिन का एक इंजेक्शन आसान और उपयोगी होगा। इसके इस्तेमाल से यह फायदा होगा कि अगर एक साल में किसी भी यात्री को 365 बार सुईटोक लोड होता है, तो उसे सिर्फ 52 बार ही मिलेगा।
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आज एचआईवी के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण दवा एसजीएलटी (एसजीएलटी2 इनहिबिटर) है जिसमें इमापाग्लिफ्लोजिन, डापाग्लिफ्लोजिन और कैनाग्लिफ्लोजिन शामिल हैं। इसका कारण यह है कि यह बैक्टीरिया के रोगियों में होने वाला हृदय रोग दुष्परिणाम है जो हृदय फेल हो जाता है या किडनी का फेल हो जाता है।
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कुछ शोध में दिखाया गया है कि इस समूह की दवा वितरण से विक्रेता का जीवन करीब 15 साल तक बढ़ सकता है। आज एक अनडिस्प्यूटेडली इस दवा पर मच्छरों की तलाश की बात हो रही है। इस दवा को देने से कुछ मूत्र के अंदर होने वाले संक्रमण या यौन शोषण पर कुछ जेनिटल इंजेक्शन जेनिटलहोने का डर बना रहता है लेकिन यह खतरा बहुत ज्यादा नहीं है।
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डॉ. एनके सिंह के निर्देशन में भारत में एक जीनियस पर अध्ययन किया गया है और इसमें लगभग 16000 मरीजों का डेटा दिया गया है और इसमें यूरिनरी औषधि और जेनिटल औषधि शामिल हैं, इंसिडेंट और ग्लिप्टिन जैसे अन्य अणु शामिल हैं, इस पर अध्ययन किया गया है। किया गया है, जो जल्द ही प्रकाशित होगा।
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अभी हाल ही में 11 नवंबर को अमेरिकन फ़ार्म एंड फ़ार्म एडमिनिस्ट्रेशन एफडीए द्वारा ट्राईज्यिपेटाइट ड्रग सिटिज़ के सिटिजन में अगर मोटापा है तो उसके लिए एक दिलचस्प कदम उठाया गया है यह एक अत्यंत उपयोगी औषधि होगी और इसका इंजेक्शन हर हफ्ते एक बार ही देना होगा और इसे बंद कर देना चाहिए पाया गया कि 5 किलो से लेकर 10 किलो तक वजन कम हो गया है।
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बैक्टीरिया के मिश्रण में पेनक्रियाज के बीटा (बीटा) सेल में और अल्ट्रासाउंड में चार्बी जमा होता है वह बैक्टीरिया होने का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है। हो सकता है.
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अब एक और नई दवा इमेजिमिलिन भारत में उपलब्ध है और इसमें मौजूद बीटा सेल के स्राव में जो कमी आती है और जो इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है, वह दोनों बहुत उपयोगी है। नई सुरक्षित दवा भी है.
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नशे के इलाज में भी जो सबसे बड़ा बदलाव धीरे-धीरे होता दिख रहा है वह कृत्रिम सासायटिक का प्रयोग है। चैट जीपीटी के आने के बाद जनसाधारण होने के बाद भी आर्टिफिशियल मेडिसिन का पता चलता है, विशेष रूप से विषाक्तता वाले डायबिटिक रेटिन रोगी जो आपके अभिनय में शामिल होते हैं। उनके संस्करण में इसकी अहम भूमिका भारत में पिछले दो-तीन वर्षों से तेजी से बढ़ी है।
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इसी तरह के ग्लूकोज नियंत्रण में कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग में आर्टिफिशियल विशेषज्ञों का प्रयोग अत्यंत सुरक्षित और प्रभावकारी है, जिससे ग्लूकोज को अपना वजन मापने के लिए अपने वजन के संतुलन को बनाए रखने के लिए अपने शरीर में होने वाले कॉम्प्लिकेशंस की तोह लेने में मदद मिल रही है। इस तकनीक का सरल और कम नुकसान होने के कारण या जल सुगमता से शीघ्र समापन तक।
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2023 में सबसे बड़ी बात यह भी है कि हर मरीज को पेट के व्यायाम की जरूरत होती है, बिना शुगर पर नियंत्रण के और शरीर में दुष्परिणाम का होना संभव नहीं लगता है। अभी एरोबिक्स 1 घंटा प्रतिदिन, जो कि आप एक घंटा तेज चलना या दौड़ना या बैडमिंटन खेलना शुरू करते हैं। इसके अलावा जो वाले जिम राक्षस हैं, इस हफ्ते में काम से कम 10 से 15 मिनट तक तीन बार करने से रिवाइवल की रेटिंग में बढ़ोतरी होती है और इस तरह बहुत शुगर कंट्रोल का बहुत अच्छा होना लगता है।
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इस फास्ट फूड के कल्चर में नशाखोरी की विधा हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग HIIT वर्कर्स के शुगर कंट्रोल का इस्तेमाल किया गया है और यह उन मजदूरों के लिए विशेष रूप से बहुत स्वादिष्ट है जहां पास 10 से 15 मिनट का ठीक समय है। योग पर अभी भी बहुत से अध्ययन चल रहे हैं और विशेष रूप से सूर्य नमस्कार का अगर 12 चक्कर लगाया जाए तो वाल्व की शक्ति बढ़ जाती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार होता है। यह आपके शुगर को बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित करता है तो इसे आप जरूर करें। संस्थागत डॉलर फार्म है जो रोगी नहीं करते हैं.
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सुबह का रूटीन या शाम का रूटीन भी बहुत मजेदार पाया जाता है लेकिन जो भी समय मिलता है आप उससे रूटिंग कर सकते हैं। कुल मिलाकर नए अपडेट में यह बताया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग पर खाना खाने के बारे में काफी रिसर्च हो रही है और अगर एक बार का आप छोड़ दें तो (क्रोनो आर्किटेक्चर का कॉन्सेप्ट) उपयोगी पाया गया है।
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अगर आप शाम 6 बजे के बाद खाना खाते हैं तो यह स्थिर नहीं है। पहले ही जो खाना है खा ले तो नमक में शरीर में होने वाले जो ग्लूकोज़ होते हैं, जो ब्रेन से केमिकल स्रावित होते हैं उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होते हैं और इस तरह शुगर को नियंत्रित करने में भी यह बहुत उपयोगी पाया गया है। क्रोनो वैराइटी, वर्गीकरण और पवित्रता का कम से कम उपयोग, ताजी फलों का उपयोग, बादाम आदि का उपयोग काफी उपयोगी पाया गया है।