अडानी-हिंडनबर्ग मामले में भारतीय सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक्स एवं बोर्ड (सेबी) के खिलाफ धोखाधड़ी की कार्रवाई शुरू की गई है। इस संबंध में किशोर तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक पुस्तिका की मुहर लगाई है। फाइल में आरोप लगाया गया है कि सेबी ने गौतम अडानी के एडवांस वाले ग्रुप द्वारा हेराफेरी करने के आरोप में शेयर की गई जांच को पूरा करने और अपनी रिपोर्ट में कहा कि समय सीमा का उल्लंघन किया गया है। किशोर किशोर तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि अंतिम निष्कर्ष/रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। न्यायालय सर्वोच्च ने सेबी को अदानी की प्रगति वाले ग्रुप द्वारा शेयर स्टॉक में हेराफेरी करने के साक्ष्य की जांच पूरी करने के लिए 17 मई से 14 अगस्त, 2023 तक का समय दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि 25 अगस्त, 2023 को सेबी ने अपनी जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि कुल मिलाकर 24 जांच की गई है, जिसमें से 22 के अंतिम नतीजे सामने आए हैं और दो संस्थागत प्रकृति हैं। की हैं.
भर्ती में मजबूत तंत्र की आवश्यकता पर जोर
याचिका में अडानी ग्रुप और ‘अपराधीर’ मॉरीशस फंड के मीडिया से उनके कथित निवेश के खिलाफ एसोसिएटेड क्राइम और प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट (ओसीसी अप्रैल) की नवीनतम रिपोर्ट का भी उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि पोर्टफोलियो पोर्टफोलियो का प्राथमिक ध्यान इस बात पर था कि भविष्य में क्या कदम उठाएं, ताकि निवेशकों की सुरक्षा हो सके और शेयर बाजार में उनका निवेश सुरक्षित रहे। तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए एक मजबूत तंत्र की भी आवश्यकता है।
विशाल तिवारी का दावा- रिपोर्ट विफल रही सेबी
तिवारी ने कहा कि सेबी ने अपने आवेदन में जांच पूरी करने के लिए समयसीमा की सलाह की जरूरत है। फाइल में कहा गया है कि कोर्ट द्वारा 14 अगस्त तक की समय सीमा तय करने के बावजूद सेबी ने अपनी रिपोर्ट में फाइलिंग में असफल रही। इसमें कहा गया है कि जांच पूरी करने और रिपोर्ट जमा करने के लिए अदालत द्वारा 17 मई, 2023 के आदेश में तय किया गया कि समयसीमा का पूरा नहीं करने के लिए सेबी से पूछताछ की जानी चाहिए।
6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने छह नवंबर को कहा था कि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री अदाणी समूह द्वारा शेयरों के शेयरों में शेयरों के शेयरों से संबंधित अभिलेखों को सूचीबद्ध करने के लिए मामले को गौर पर रखा जाए। कोर्ट ने 11 जुलाई को सेबी से अदानी ग्रुप के शेयर के शेयर में बढ़त हासिल करने के आरोप में चल रही जांच की स्थिति के बारे में पूछा था और कहा था कि जांच 14 अगस्त तक दिए गए समय में तेजी से पूरी तरह से काम करेगी।
पांच देशों से जानकारी का इंतजार : सेबी
इसके बाद, बाजार और नियामक सेबी ने जांच को लेकर स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि वह पनाहगाह (टैक्स हेवन) से सूचना बैठक का इंतजार कर रही है। सेबी ने कहा था कि अडानी ग्रुप के दो कंपनियों के खिलाफ सभी आरोपों की जांच पूरी तरह से ली गई है और इस ग्रुप के दो संस्थानों में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के असली हितों के बारे में पांच देशों से जानकारी का अभी भी इंतजार है। उन्होंने कहा कि वह अदाणी ग्रुप से जुड़े जिन 24 मामलों की जांच कर रहे हैं, उनमें से 22 मामलों के अंतिम निष्कर्ष आ चुके हैं।