हमास-इजरायल युद्ध में आम नागरिकों के मारे जाने पर भारत ने की कड़ी निंदा, पीएम मोदी ने दिया फाइव सी का मंत्र

हमास-इजरायल युद्ध में आम नागरिकों के मारे जाने पर भारत ने की कड़ी निंदा, पीएम मोदी ने दिया फाइव सी का मंत्र
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमास और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की चेतावनी भरे शब्दों में शुक्रवार को कहा कि पश्चिम एशिया के नए नतीजे सामने आ रहे हैं और अब ‘ग्लोबल साउथ’ के बारे में बात की गई है। देश को पूरी दुनिया के व्यापक हिट में मिल कर आवाज उठानी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत द्वारा आयोजित दूसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ कमेटी’ में विशेष भाषण देते हुए कहा कि भारत ने पश्चिम एशिया में स्मारकों से बातचीत के लिए, समाज और संयम के मुद्दों पर जोर दिया है।

जी-20 की जानकारी के बारे में दी गई जानकारी

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के राष्ट्रपति भवन में आयोजित जी20 के सम्मेलन में शामिल नेताओं के बारे में जानकारी दी, जिसमें अहम जोर ‘ग्लोबल साउथ’ और पश्चिमी देशों के सामने आने वाली झलक से रूबरू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक समृद्धि के लिए सबका साथ, सबका विकास जरूरी है, लेकिन हम सब देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया की घटनाओं से नई समानता पैदा हो रही है।

इजराइल पर आतंकवादी हमलों की भारत ने की निंदा

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत ने सात अक्टूबर को इजराइल पर साजिस्टर हमलों पर हमले की निंदा की है। संयम के साथ ही हमने बातचीत और नामांकन पर जोर दिया है। हम हमास और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की आलोचना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने फलस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास से फोन पर बातचीत का भी जिक्र किया था.

भारत ने फ़ालस्टीनियों के लिए घरेलू मानवीय सहायता प्रदान की

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत के बाद हमने फलस्टीन के लोगों के लिए मानव सहायता परामर्श लिया। अब वक्त आ गया है कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देश को पूरी दुनिया के व्यापक हिट में मिल कर आवाज उठानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन में पांच ‘सी’ (परामर्श, संचार, सहयोग, स्वामित्व और क्षमता निर्माण) के तहत सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि एक पृथ्वी, एक कुटुंब और एक भविष्य के लिए हम पांच ‘सी’ के साथ आगे बढ़ें। ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब और एक भविष्य’ इस साल भारत के राष्ट्रपति भवन में आयोजित जी20 की थीम थी।

वर्ल्ड ऑफ ग्लोबल साउथ सर्वश्रेष्ठ मंच

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ को 21वीं सदी की कमजोर दुनिया को प्रतिबिम्बित करने वाला सर्वश्रेष्ठ मंच दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी वैश्विक स्तर पर जी20 को समावेशी और मानव-केन्द्रित थी। हमारा प्रयास था कि जी20 का लक्ष्य लोगों का, लोगों का और लोगों का विकास हो। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य के साथ हमने इस साल जनवरी में पहली बार ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ कमेटी’ का आयोजन किया। भारत के विभिन्न राज्यों में जी20 से संबंधित 200 से अधिक बैठकें, जिसमें हमने ग्लोबल साउथ की घटनाओं को तरजीह दी।

जी20 में अफ्रीकी संघ शामिल

‘ग्लोबल साउथ’ समुद्र तट से संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है, जिसमें बार-बार उन्नत, कम विकसित या निम्न स्तर के रूप में जाना जाता है, ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और टोकलिन अमेरिका में स्थित हैं। प्रधानमंत्री ने जी20 में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि जब तक भारत के प्रयास से अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल नहीं किया गया, तब तक मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता।

दक्षिण वैश्विक और उत्तर के बीच की दूरी

उन्होंने जी20 में दिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की चर्चा करते हुए कहा कि इस बार जी20 देश में जलवायु परिवर्तन के लिए धन नेतृत्व पर महत्वपूर्ण निर्णय सामने आए हैं। इसके साथ ही, जी20 में ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को जलवायु परिवर्तन पर आसान सुविधाएं और सुविधाएं प्रदान करने की सहमति बनी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना ​​है कि नई तकनीक से ‘ग्लोबल साउथ’ और ‘नॉर्थ’ के बीच दूरी नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। आज युग में कृत्रिम मेधा तकनीक का जिम्मेदाराना तरीके से प्रयोग करना अत्यंत आवश्यक है।

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