RIMS Jharkhand: रिम्स डेंटल कॉलेज में 6 साल पुराना उपकरण घोटाला अब भी अटका

RIMS Jharkhand
Share with Friends

RIMS Jharkhand: रिम्स डेंटल कॉलेज में 6 साल पुराना उपकरण घोटाला अब भी अटका: 200% से ज्यादा कीमत पर खरीदे गये उपकरण

मुख्य बिंदु:

  • रिम्स डेंटल कॉलेज में 6 साल पुराना उपकरण घोटाला अब भी अटका हुआ है।
  • महालेखाकार की जांच रिपोर्ट में पाया गया था कि उपकरणों को 200 से 250 फीसदी ज्यादा कीमत पर खरीदा गया था।
  • रिम्स में असाध्य और दुर्लभ बीमारी की पहचान शीघ्र होने लगेगी।
  • रिम्स में सेवानिवृत डॉक्टरों का नाम ओपीडी शेड्यूल की सूची में शामिल है।
  • 200% से ज्यादा कीमत पर खरीदे गये डेंटल चेयर
  • होल एक्जोम सीक्वेंसिंग से होगी बीमारियों की पहचान
  • सेवानिवृत्त डॉक्टरों का नाम ओपीडी सूची में

रिम्स डेंटल कॉलेज में 6 साल पुराना उपकरण घोटाला अब भी अटका

RIMS Jharkhand: रांची के रिम्स डेंटल कॉलेज में 2015 में हुए उपकरण खरीद घोटाला का मामला अभी भी अटका हुआ है। महालेखाकार की जांच रिपोर्ट में पाया गया था कि उपकरणों को 200 से 250 फीसदी ज्यादा कीमत पर खरीदा गया था। खरीदारी में दो पूर्व निदेशक और एक दंत चिकित्सक की संलिप्तता पायी गयी है।

रिम्स डेंटल कॉलेज में उपकरण घोटाला: 200% से ज्यादा कीमत पर खरीदे गये उपकरण

RIMS Jharkhand: जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जीबी में 5.80 करोड़ की खरीद पर सहमति बनी थी। इसे पहले 9.29 करोड़ किया गया। हालांकि बाद में 37.42 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया, जिसके मद में खरीदारी की गयी। उस समय बाजार में डेंटल चेयर की कीमत 6.25 लाख थी, लेकिन उसे 200 फीसदी अधिक कीमत पर 14.28 लाख में खरीदा गया। वहीं, डेंटल वैन की कीमत उस समय 23 से 41 लाख थी, जिसे 1.48 करोड़ में खरीदा गया। टीम ने यह भी पाया कि पात्र एजेंसी की बजाय मनचाहे एजेंसी को कार्यादेश दिया।

रिम्स में शुरू होगी होल एक्जोम सीक्वेंसिंग, असाध्य और दुर्लभ बीमारी की होगी जल्द पहचान

RIMS Jharkhand: रिम्स में असाध्य और दुर्लभ बीमारी की पहचान शीघ्र होने लगेगी। इसके लिए होल एक्जोम सीक्वेंसिंग की जांच रिम्स के जेनेटिक एवं जीनोमिक्स विभाग में शुरू की जायेगी। विशेषज्ञों ने बताया कि होल एक्जोम सीक्वेंसिंग की जांच शुरू होने से अनुवांशिक बीमारी की सही पहचान हो जायेगी। इसके बाद मरीज विशेष सेंटर में जाकर इलाज करा पायेंगे।

रिम्स में सेवानिवृत डॉक्टरों का नाम भी ओपीडी शेड्यूल की सूची में शामिल है। ऑनलाइन से ओपीडी पर्ची बनाने वाले या डॉक्टर का नाम देखकर आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसे भी पढ़ें: Chief Minister Hemant Soren 484 करोड़ की सौगात,CM करेंगे शिलान्यास

YOUTUBE

One thought on “RIMS Jharkhand: रिम्स डेंटल कॉलेज में 6 साल पुराना उपकरण घोटाला अब भी अटका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *